नोएडा के फ्लैट बायर्स के लिए राहत की खबर: यूनिटेक प्रोजेक्ट्स में फिर से शुरू हुआ निर्माण कार्य

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नोएडा में घर का सपना देख रहे फ्लैट बायर्स के लिए एक अच्छी खबर है। यूनिटेक बिल्डर की सेक्टर-113 की परियोजना “यूनिहोम-3” में लंबे समय बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह परियोजना 2013-14 से अटकी पड़ी थी, लेकिन अब दो से तीन साल के भीतर फ्लैट बायर्स को उनके घर मिलने की उम्मीद है। इस कदम से उन बायर्स के चेहरे पर मुस्कान आई है, जो करीब 16 साल से अपने घर का इंतजार कर रहे थे।

10 साल से बंद था काम

यूनिटेक बिल्डर की विभिन्न परियोजनाएं, जैसे सेक्टर-96, 97, 98, 113 और 117, सालों से अधूरी पड़ी थीं। इन परियोजनाओं में लगभग 15,000 बायर्स अपने घर का इंतजार कर रहे थे। लंबे समय से काम बंद होने के चलते बायर्स की उम्मीदें टूट चुकी थीं, लेकिन उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप और नए मैनेजमेंट के आने से अब स्थिति बदल रही है।

उच्चतम न्यायालय का हस्तक्षेप

वर्ष 2019 में, उच्चतम न्यायालय ने यूनिटेक का बोर्ड भंग कर नए बोर्ड का गठन किया और अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी। इसके तहत नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में करीब 10 परियोजनाओं के नक्शों को पास किया है, जोकि बिना किसी बकाया वसूली के मंजूरी दी गई है। इससे बायर्स में एक नई उम्मीद जगी है।

चरणबद्ध तरीके से मिलेगा घर

सेक्टर-96, 97, 98 की परियोजनाओं में काम पहले से ही शुरू हो चुका है, जहां पहले चरण में 422 फ्लैट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, बरगंडी और विलोज प्लॉट्स में भी नए घर बन रहे हैं। सेक्टर-113 के यूनिहोम-3 में 1621 फ्लैट बनने का प्रस्ताव है और इसी के तहत काम शुरू हो चुका है। सेक्टर-117 में भी 3327 फ्लैट बनने की योजना है।

फ्लैट बायर्स में खुशी की लहर

यूनिटेक बायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत कुमार सरीन का कहना है कि यूनिहोम-3 में काम शुरू होने से फ्लैट बायर्स को अपने घर मिलने की उम्मीद बढ़ी है। उन्होंने कहा, “अब दो से तीन साल के भीतर हमें फ्लैट मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, 75 प्रतिशत से ज्यादा बायर्स ने अपनी किस्तें भी जमा कर दी हैं।”

नए मैनेजमेंट की देखरेख में काम

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए मैनेजमेंट के अध्यक्ष वाई एस मलिक हैं, जोकि यूनिटेक प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्य की निगरानी कर रहे हैं। कोर्ट के निर्देश पर केंद्र सरकार ने इस स्वतंत्र प्रबंधन को नियुक्त किया है ताकि बायर्स को उनके फ्लैट्स सुरक्षित तरीके से मिल सकें।

जमीन की स्थिति और प्राधिकरण का निर्णय

यूनिटेक को नोएडा प्राधिकरण द्वारा लगभग 179 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई थी, जिसमें से अब भी करीब 90 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है। प्राधिकरण ने न्यायालय में अपनी इस जमीन को वापस लेने की बात भी कही थी, ताकि बकाया राशि की वसूली हो सके, लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूरी नहीं दी।

निष्कर्ष

यूनिटेक की परियोजनाओं में शुरू हुआ यह काम नोएडा के फ्लैट बायर्स के लिए एक नई शुरुआत है। कोर्ट और प्राधिकरण के इस प्रयास से बायर्स का भरोसा फिर से मजबूत हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दो-तीन सालों में सभी फ्लैट बायर्स को उनके सपनों का घर मिल जाएगा।

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