मुख्य बातें
- मुल्तान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 2,000 के पार, शहर में ‘स्मार्ट लॉकडाउन’।
- पंजाब सरकार ने 10 दिन के लिए पार्क और संग्रहालय किए बंद।
- लाहौर और अन्य शहरों में भी गंभीर प्रदूषण से जीवन प्रभावित।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रदूषण की भयावह स्थिति
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में प्रदूषण के स्तर ने अभूतपूर्व ऊंचाईयां छू ली हैं, जिसमें मुल्तान शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 2,000 से अधिक पहुंच गया। हालात इतने खराब हो गए हैं कि प्रांतीय सरकार ने पार्क, संग्रहालय, और अन्य सार्वजनिक स्थानों को 10 दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
मुल्तान में प्रदूषण का कहर
8 नवंबर को, सुबह 8 बजे के करीब, मुल्तान में AQI स्तर 2,135 रिकॉर्ड किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जा रहा है। IQAir के अनुसार, शहर में PM2.5 की मात्रा 947 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गई है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के निर्धारित सुरक्षित सीमा से 189.4 गुना अधिक है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मुल्तान के डिप्टी कमिश्नर वसीम हमीद सिंधू ने ‘स्मार्ट लॉकडाउन’ की घोषणा की है। इसके अंतर्गत बाजारों को रात 8 बजे बंद किया जा रहा है, वहीं ट्रैफिक पुलिस को भी प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
लाहौर में भी बिगड़ रहे हैं हालात
मुल्तान ही नहीं, लाहौर जैसे बड़े शहरों में भी प्रदूषण ने जनजीवन पर भारी असर डाला है। लगभग 1.3 करोड़ की आबादी वाले लाहौर में AQI कई बार 1,000 से ऊपर पहुंच चुका है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने स्कूलों को बंद कर दिया है, लोगों को घर में रहने की सलाह दी गई है और ‘ग्रीन लॉकडाउन’ लागू किया गया है। इसके तहत, भारी वाहन, मोटरसाइकिल रिक्शा, और धुंआ फैलाने वाले वाहनों पर पाबंदी लगाई गई है।
प्रशासन की सख्त कार्रवाइयाँ
लाहौर हाई कोर्ट के आदेशानुसार, सभी बाजारों को रात 8 बजे बंद किया जा रहा है, जबकि रविवार को पूरी तरह से बंद रखने का निर्देश है। इसके साथ ही, प्रदूषण के प्रमुख कारणों में से एक माना जा रहा है कि शहर के बाहर स्थित कोयला-चालित भट्टियों से निकलने वाला धुआं भी वायु की गुणवत्ता को बिगाड़ रहा है। प्रशासन अब इन भट्टियों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर विचार कर रहा है।
सीमा पार से आने वाली हवाओं पर आरोप
पंजाब पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन विभाग (EPCCD) के सचिव राजा जहांगीर अनवर ने बताया कि भारत से आने वाली हवाओं के चलते पंजाब के दक्षिणी शहरों जैसे बहावलपुर, मुल्तान और राजनपुर में भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी जा रही है। उनके अनुसार, राजस्थान के बिकानेर और जयपुर से आने वाली हवाएं इस प्रदूषण को पंजाब के शहरों में ला रही हैं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बिगड़ती वायु गुणवत्ता ने एक पर्यावरणीय आपातकाल की स्थिति पैदा कर दी है। प्रशासन द्वारा उठाए गए सख्त कदमों के बावजूद, इस समस्या से निपटना अभी भी एक चुनौती बनी हुई है। प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों को नियंत्रित करना, सीमावर्ती हवाओं का अध्ययन करना, और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकी अपनाना इस संकट का समाधान हो सकता है।